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ये तो @ सच है की भगवान है

ये तो सच है की भगवान है है मगर फिर भी अन्जान है धरती पे रूप माँ-बाप का उस विधाता की पहचान है जन्मदाता हैं जो , नाम जिनसे मिला थामकर जिनकी उंगली है बचपन चला कांधे पर बैठ के , जिनके देखा जहां ज्ञान जिनसे मिला , क्या बुरा , क्या भला इतने उपकार हैं क्या कहें ये बताना न आसान है धरती पे रूप... जन्म देती है जो , माँ जिसे जग कहे अपनी संतान में , प्राण जिसके रहे लोरियां होंठों पर , सपने बुनती नज़र नींद जो वार दे , हँस के हर दुःख सहे ममता के रूप में है प्रभू आपसे पाया वरदान है धरती पे रूप... आपके ख्वाब हम , आज होकर जवां उस परम शक्ति से , करते हैं प्रार्थना इनकी छाया रहे , रहती दुनिया तलक एक पल रह सकें हम न जिनके बिना आप दोनों सलामत रहें सबके दिल में ये अरमान है धरती पे रूप...