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जगत से ग्लानी हुई मन में

जगत से ग्लानी हुई मन में, (चले हैं रजा बन जोगी बन में-2)-2 चले हैं रजा बन जोगी बन में यहाँ फूलों की सेज पे सोना, यहाँ फूलों की यहाँ फूलों की सेज पे सोना, घास पात का वहां बिछोना बोझ बुढ़ापे का अब ढोना, कठिन है निर्जन में चले हैं रजा बन जोगी बन में जगत से ग्लानी हुई मन में, (चले हैं रजा बन जोगी बन में-2) माया महल दास और दासी, माया महल माया महल दास और दासी, त्याग चले बनकर सन्यासी मोक्ष प्राप्ति का जतन करेंगे, डूब निरंजन में चले हैं रजा बन जोगी बन में जगत से ग्लानी हुई मन में, (चले हैं रजा बन जोगी बन में-2)

सतगुरु मैं तेरी पतंग

सतगुरु मैं तेरी पतंग , सतगुरु मैं तेरी पतंग सतगुरु मैं तेरी पतंग , सतगुरु मैं तेरी पतंग ( हवा विच उडदी जावांगी -2) ( हवा विच उडदी जावांगी -2) बाबा डोर हथों छड़ी न मैं , कटी जावांगी -2 साईंयां डोर हथों छड़ी न मैं , कटी जावांगी -2 ( सतगुरु मैं तेरी पतंग -2) (बाबा मैं तेरी पतंग -2) बड़ी मुश्किल दे नल मिलिया , मैनू तेरा दवारा है , बाबा तेरा दवारा है -2 मैनू इको तेरा आसरा , नाल तेरा सहारा है , बाबा तेरा सहारा है -2 (हुण तेरे ही भरोसे -4) ( बाबा तेरे ही भरोसे -4) ( हवा विच उडदी जावांगी , हवा विच उडदी जावांगी -2) बाबा डोर हथों छड़ी न मैं , कटी जावांगी -2 साईंयां डोर हथों छड़ी न मैं , कटी जावांगी -2 सतगुरु मैं तेरी पतंग , सतगुरु मैं तेरी पतंग -2 बाबा मैं तेरी पतंग , बाबा मैं तेरी पतंग -2 ऐना चरना कमला नालो , मैनू दूर हटायीं ना , बाबा दूर हटायीं ना -2 इस झूठे जग दे अंदर , मेरा पेंचा लाइ ना,   बाबा पेंचा लाइ ना -2 (जे कट गयीं ता सतगुरु -4) ( फिर मैं लुट्टी जावांगी -4) बाबा डोर हथों छड़ी न मैं , कटी जावांगी -2 साईंयां डोर हथों छड़ी न...