अब सौंप दिया इस जीवन का
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में मेरा
अब सोंप दिया..............................................
हे जीत तुम्हारे...............................................
अब सोंप दिया..............................................
मेरा निश्चय अब बस एक यही, एक बार तुम्हें पा जाऊं मैं-2
अर्पण कर दूं दुनिया भर का-2, सब प्यार तुम्हारे हाथों में
अब सोंप दिया..............................................
हे जीत तुम्हारे...............................................
अब सोंप दिया..............................................
जो जग में रहूं तो ऐसे रहूं, जो जल में कमल का फूल रहे-2
मेरे सब गुण दोष समर्पित हों-2, करतार तुम्हारे हाथों में
अब सोंप दिया..............................................
हे जीत तुम्हारे...............................................
अब सोंप दिया..............................................
यदि मानव का मुझे जन्म मिले, तो तब चरणों का पुजारी बनूँ-2
इस पूजक की एकएक रग का-2, हो तार तुम्हारे हाथों में
अब सोंप दिया..............................................
हे जीत तुम्हारे...............................................
अब सोंप दिया..............................................
जब जब संसार का कैदी बनूँ, निष्काम भाव से कर्म करुँ-2
फिर अंत समय में प्राण तजूं-2, निराकार तुम्हारे हाथों में
अब सोंप दिया..............................................
हे जीत तुम्हारे...............................................
अब सोंप दिया..............................................
मुझमें तुझमें बस भेद यही, मैं नर हूं तुम नारायण हो-2
मैं हूं संसार के हाथों में-2,संसार तुम्हारे हाथों में
अब सोंप दिया..............................................
हे जीत तुम्हारे...............................................
अब सोंप दिया..............................................
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में मेरा
अब सोंप दिया..............................................
हे जीत तुम्हारे...............................................
अब सोंप दिया..............................................
मेरा निश्चय अब बस एक यही, एक बार तुम्हें पा जाऊं मैं-2
अर्पण कर दूं दुनिया भर का-2, सब प्यार तुम्हारे हाथों में
अब सोंप दिया..............................................
हे जीत तुम्हारे...............................................
अब सोंप दिया..............................................
जो जग में रहूं तो ऐसे रहूं, जो जल में कमल का फूल रहे-2
मेरे सब गुण दोष समर्पित हों-2, करतार तुम्हारे हाथों में
अब सोंप दिया..............................................
हे जीत तुम्हारे...............................................
अब सोंप दिया..............................................
यदि मानव का मुझे जन्म मिले, तो तब चरणों का पुजारी बनूँ-2
इस पूजक की एकएक रग का-2, हो तार तुम्हारे हाथों में
अब सोंप दिया..............................................
हे जीत तुम्हारे...............................................
अब सोंप दिया..............................................
जब जब संसार का कैदी बनूँ, निष्काम भाव से कर्म करुँ-2
फिर अंत समय में प्राण तजूं-2, निराकार तुम्हारे हाथों में
अब सोंप दिया..............................................
हे जीत तुम्हारे...............................................
अब सोंप दिया..............................................
मुझमें तुझमें बस भेद यही, मैं नर हूं तुम नारायण हो-2
मैं हूं संसार के हाथों में-2,संसार तुम्हारे हाथों में
अब सोंप दिया..............................................
हे जीत तुम्हारे...............................................
अब सोंप दिया..............................................
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