मानुष जनम अनमोल रे इसे
मानुष जनम अनमोल रे इसे
मिट्टी में मत घोल रे
अब जो मिला है फिर
ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
मानुष जनम अनमोल रे इसे
मिट्टी में मत घोल रे
अब जो मिला है फिर
ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
राम नाम तू बोल रे
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
राम नाम तू बोल रे
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
तू है बुल बुला पानी का
मत कर रे जोर जवानी
का
तू है बुल बुला पानी का
मत कर रे जोर जवानी
का
संभल संभलकर चलना रे बन्दे
पता नही जिंदगानी का
संभल संभलकर चलना रे बन्दे
पता नही जिंदगानी का
मीठी वाणी बोल रे
हिलमिल कर तू डोल रे
अब जो मिला है फिर
ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
मीठी वाणी बोल रे
हिलमिल कर तू डोल रे
अब जो मिला है फिर
ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
मानुष जनम अनमोल रे इसे
मिट्टी में मत घोल रे
अब जो मिला है फिर
ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
मानुष जनम अनमोल रे इसे
मिट्टी में मत घोल रे
अब जो मिला है फिर
ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
राम नाम तू बोल रे
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
राम नाम तू बोल रे
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
मतलब का संसार है रे
इसका नही ऐतबार है
मतलब का संसार है रे
इसका नही ऐतबार है
सोच संभलकर चलना रे
बन्दे
फूल नही अंगार है
सोच समझकर चलना रे बन्दे
फूल नही अंगार है
अब तो अंखिया खोल रे
प्रभु से नाता जोड़ रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
अब तो अंखिया खोल रे
प्रभु से नाता जोड़ रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
मानुष जनम अनमोल रे इसे
मिट्टी में मत घोल रे
अब जो मिला है फिर
ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं कभी नही रे
मानुष जनम अनमोल रे इसे
मिट्टी में मत घोल रे
अब जो मिला है फिर
ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं कभी
नही रे
राम नाम तू बोल रे
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
राम नाम तू बोल रे
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
तू सत्संग में जाया कर रे
गीत प्रभु के गाया कर
तू सत्संग में जाया कर रे
गीत प्रभु के गाया कर
साँझ सवेरे बैठ के बन्दे
प्रभु का ध्यान
लगाया कर
साँझ सवेरे बैठ के बन्दे
प्रभु का ध्यान
लगाया कर
लगता नही कुछ मोल रे
मिट्टी में ना रोल
रे
लगता नही कुछ मोल रे
प्रभु का नाम अनमोल
रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
मानुष जनम अनमोल रे इसे
मिट्टी में मत घोल रे
अब जो मिला है फिर
ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं कभी नही रे
मानुष जनम
अनमोल रे इसे
मिट्टी में मत घोल रे
अब जो मिला है फिर
ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
राम नाम तू बोल रे
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
राम नाम तू बोल रे
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
अब जो मिला है फिर
ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं
कभी नही रे
मिट्टी में मत घोल रे
मिट्टी में मत घोल रे
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
तू है बुल बुला पानी का
संभल संभलकर चलना रे बन्दे
संभल संभलकर चलना रे बन्दे
मीठी वाणी बोल रे
मिट्टी में मत घोल रे
मिट्टी में मत घोल रे
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
इसका नही ऐतबार है
मतलब का संसार है रे
इसका नही ऐतबार है
फूल नही अंगार है
सोच समझकर चलना रे बन्दे
फूल नही अंगार है
अब तो अंखिया खोल रे
प्रभु से नाता जोड़ रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
प्रभु से नाता जोड़ रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
मिट्टी में मत घोल रे
कभी नही कभी नहीं कभी नही रे
मिट्टी में मत घोल रे
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
गीत प्रभु के गाया कर
तू सत्संग में जाया कर रे
गीत प्रभु के गाया कर
साँझ सवेरे बैठ के बन्दे
साँझ सवेरे बैठ के बन्दे
लगता नही कुछ मोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
मिट्टी में मत घोल रे
कभी नही कभी नहीं कभी नही रे
मिट्टी में मत घोल रे
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
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