घणा दिन सो लियो रे अब जाग मुसाफिर जाग
क्यूं सूतो घनघोर नींद में जाग मुसाफिर जाग दो दिन रैन बसेरा जगत में उठ भजन में लाग संगीत..............१२३ घणा दिन सो लियो रे अब जाग मुसाफिर जाग घणा दिन सो लियो रे अब जाग मुसाफिर जाग घणा दिन सो लियो रे अब जाग मुसाफिर जाग संगीत..............१२३ पहलो सोयो तू माँ के गरभ में उल्टा पाँव पसार पहले सोयो तू माँ के गरभ में उल्टा पाँव पसार बोल बचन कर बाहर आयो बोल बचन कर बाहर आयो भूल गयो जगदीश जनम थारो हो गयो रे अब जाग मुसाफिर जाग घणा दिन सो लियो रे अब जाग मुसाफिर जाग संगीत..............१२३ दूजो सोयो तू माँ की गोद में हंस हंस दांत दिखाय दूजो सोयो तू माँ की गोद में हंस हंस दांत दिखाय बहन बुआ सब लाड लगावे बहण बुआ सब लाड लडावे हो रयो मंगल जाप लाड थारो हो गयो रे अब जाग मुसाफिर जाग घणा दिन सो लियो रे अब जाग मुसाफिर जाग संगीत..............१२३ तीजो सोयो तू संग त्रिया के गले में बांहे डार तीजो सोयो तू संग त्रिया के गले में बांहे डार किया भोग सब रोग इस दुखिया किया भोग सब रोग इस दुखिया तन हो गयो बेकार विव्हा थारो हो गयो रे अब जाग मुसाफिर ...