जिसने चरों धाम कर लिए मुक्ति मिल गई जीवन में दया धर्म उपकार खिल उठे उसके मन के आँगन में
संगीत............................१२३
जिसने चरों धाम कर लिए मुक्ति मिल गई जीवन में
दया धर्म उपकार खिल उठे उसके मन के आँगन में
जिसने चरों धाम कर लिए मुक्ति मिल गई जीवन में
दया धर्म उपकार खिल उठे उसके मन के आँगन में
तीरथ की महिमा गाती है भक्तों तुम्हे पुकारती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
संगीत............................१२३
बद्रीनाथ बसे आँखों में रामेश्वर उसके मन में
बद्रीनाथ बसे आँखों में रामेश्वर उसके मन में
जगन्नाथ द्वारकाधीश के दर्शन होते कण कण में
जगन्नाथ द्वारकाधीश के दर्शन होते कण कण में
ज्योत जगाती है आशा की मन को सदा सवांरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
संगीत............................१२३
हिमगिरी की ऊंचाई जैसी सागर की गहराई सी
हिमगिरी की ऊंचाई जैसी सागर की गहराई सी
प्रभु की महिमा सदा दिखाई देती रहती त्रिभुवन में
प्रभु की महिमा सदा दिखाई देती रहती त्रिभुवन में
मन में हो विश्वास अगर तो बेडा पार उतारती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
संगीत............................१२३
चरों धाम हुए पावन भगवान तुम्हारे चरणों से
चरों धाम हुए पावन भगवान तुम्हारे चरणों से
एक हो गया शीश झुकाता है मस्तक अभिनंदन में
एक हो गया शीश झुकाता है मस्तक अभिनंदन में
तीरथ की माटी दुनिया श्रद्धा से सिर पर धारती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
संगीत............................१२३
कोई नही पराया चरों धामों का सन्देश यही
कोई नही पराया चरों धामों का सन्देश यही
धर्म वही जो मन को जोड़े संतो का उपदेश यही
धर्म वही जो मन को जोड़े संतो का उपदेश यही
आशाओं के फूल खिलाती दीपक पथ पर वारती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
जिसने चरों धाम कर लिए मुक्ति मिल गई जीवन में
दया धर्म उपकार खिल उठे उसके मन के आँगन में
जिसने चरों धाम कर लिए मुक्ति मिल गई जीवन में
दया धर्म उपकार खिल उठे उसके मन के आँगन में
तीरथ की महिमा गाती है भक्तों तुम्हे पुकारती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
SONG
LINK:
https://www.youtube.com/watch?v=ztRWdSjyKnw
KARAOKE
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जिसने चरों धाम कर लिए मुक्ति मिल गई जीवन में
दया धर्म उपकार खिल उठे उसके मन के आँगन में
जिसने चरों धाम कर लिए मुक्ति मिल गई जीवन में
दया धर्म उपकार खिल उठे उसके मन के आँगन में
तीरथ की महिमा गाती है भक्तों तुम्हे पुकारती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
बद्रीनाथ बसे आँखों में रामेश्वर उसके मन में
बद्रीनाथ बसे आँखों में रामेश्वर उसके मन में
जगन्नाथ द्वारकाधीश के दर्शन होते कण कण में
जगन्नाथ द्वारकाधीश के दर्शन होते कण कण में
ज्योत जगाती है आशा की मन को सदा सवांरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
हिमगिरी की ऊंचाई जैसी सागर की गहराई सी
हिमगिरी की ऊंचाई जैसी सागर की गहराई सी
प्रभु की महिमा सदा दिखाई देती रहती त्रिभुवन में
प्रभु की महिमा सदा दिखाई देती रहती त्रिभुवन में
मन में हो विश्वास अगर तो बेडा पार उतारती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चरों धाम हुए पावन भगवान तुम्हारे चरणों से
चरों धाम हुए पावन भगवान तुम्हारे चरणों से
एक हो गया शीश झुकाता है मस्तक अभिनंदन में
एक हो गया शीश झुकाता है मस्तक अभिनंदन में
तीरथ की माटी दुनिया श्रद्धा से सिर पर धारती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
कोई नही पराया चरों धामों का सन्देश यही
कोई नही पराया चरों धामों का सन्देश यही
धर्म वही जो मन को जोड़े संतो का उपदेश यही
धर्म वही जो मन को जोड़े संतो का उपदेश यही
आशाओं के फूल खिलाती दीपक पथ पर वारती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
जिसने चरों धाम कर लिए मुक्ति मिल गई जीवन में
दया धर्म उपकार खिल उठे उसके मन के आँगन में
जिसने चरों धाम कर लिए मुक्ति मिल गई जीवन में
दया धर्म उपकार खिल उठे उसके मन के आँगन में
तीरथ की महिमा गाती है भक्तों तुम्हे पुकारती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
चार धाम की आरती चार धाम की आरती
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