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अपनी पनाह में हमे रखना सीखें हम नेक राह पर चलना

संगीत.......१२३ अपनी पनाह में हमे रखना सीखें हम नेक राह पर चलना संगीत.......१२३ अपनी पनाह में हमे रखना सीखें हम नेक राह पर चलना   संगीत.......१२३ कपट कर्म चोरी बेईमानी और हिंसा से हमको बचाना संगीत.......१२३ कपट कर्म चोरी बेईमानी और हिंसा से हमको बचाना संगीत.......१२३ निंदा का बन जाऊं ना बादल निंदा का बन जाऊं ना बादल निर्मल गंगा जल ही बनाना हो अपनी निगाह में हमे रखना सीखें हम नेक राह पर चलना अपनी पनाह में हमे रखना सीखें हम नेक राह पर चलना   संगीत.......१२३ क्षमावान कोई तुझसा नही और मुझसा नही कोई निर्बल बुद्धि संगीत.......१२३ क्षमावान कोई तुझसा नही और मुझसा नही कोई निर्बल बुद्धि संगीत.......१२३ पूण्य की नगरी में भी मैने पूण्य की नगरी में भी मैने पापों की गढ़री ही बाँधी हो करुणा की छाँव में हमे रखना सीखें हम नेक राह पर चलना अपनी पनाह में हमे रखना सीखें हम नेक राह पर चलना अपनी पनाह में हमे रखना सीखें हम नेक राह पर चलना     SONG LINK: https://www.youtube.com/watch?v=aLU_rCnVYtE     KARAOKE LINK: https://youtu.be/7Gn5WVEogJI   ...

आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ तेरे दर पे आने के काबिल नहीं हूँ तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना में तो उठाने के काबिल नहीं हूँ

संगीत.............................123 आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ तेरे दर पे आने के काबिल नहीं हूँ आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ तेरे दर पे आने के काबिल नहीं हूँ आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ संगीत.............................123 तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना में तो उठाने के काबिल नहीं हूँ तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना जिसे में उठाने के काबिल नहीं हूँ आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ दर पे आने के काबिल नहीं हूँ आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ संगीत.............................123 ज़माने की चाहत ने मुझको भुलाया   ज़माने की चाहत ने मुझको भुलाया  तेरा नाम हरगिज जुबां पे ना आया तेरा नाम हरगिज जुबां पे ना आया खतावार हूँ में गुनाहगार हूँ में खतावार हूँ में गुनाहगार हूँ में तुझे मुह दिखने के काबिल नहीं हूँ आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ दर पे तो आने के काबिल नहीं हूँ तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना में तो उठाने के काबिल नहीं हूँ तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना जिसे में उठाने के काबिल नहीं हूँ आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ   संगीत................................

घणा दिन सो लियो रे अब जाग मुसाफिर जाग

क्यूं सूतो घनघोर नींद में जाग मुसाफिर जाग दो दिन रैन बसेरा जगत में उठ भजन में लाग   संगीत..............१२३ घणा दिन सो लियो रे अब जाग मुसाफिर जाग घणा दिन सो लियो रे अब जाग मुसाफिर जाग घणा दिन सो लियो रे अब जाग मुसाफिर जाग संगीत..............१२३ पहलो सोयो तू माँ के गरभ में उल्टा पाँव पसार पहले सोयो तू माँ के गरभ में उल्टा पाँव पसार बोल बचन कर बाहर आयो बोल बचन कर बाहर आयो भूल गयो जगदीश   जनम थारो हो गयो रे अब जाग मुसाफिर जाग घणा दिन सो लियो रे अब जाग मुसाफिर जाग   संगीत..............१२३ दूजो सोयो तू माँ की गोद में हंस हंस दांत दिखाय दूजो सोयो तू माँ की गोद में हंस हंस दांत दिखाय बहन बुआ सब लाड लगावे बहण बुआ सब लाड लडावे हो रयो मंगल जाप लाड थारो हो गयो रे अब जाग मुसाफिर जाग घणा दिन सो लियो रे अब जाग मुसाफिर जाग   संगीत..............१२३ तीजो सोयो तू संग त्रिया के गले में बांहे डार तीजो सोयो तू संग त्रिया के गले में बांहे डार किया भोग सब रोग इस दुखिया किया भोग सब रोग इस दुखिया तन हो गयो बेकार विव्हा थारो हो गयो रे अब जाग मुसाफिर ...

जिसने चरों धाम कर लिए मुक्ति मिल गई जीवन में दया धर्म उपकार खिल उठे उसके मन के आँगन में

संगीत............................१२३ जिसने चरों धाम कर लिए मुक्ति मिल गई जीवन में दया धर्म उपकार खिल उठे उसके मन के आँगन में जिसने चरों धाम कर लिए मुक्ति मिल गई जीवन में दया धर्म उपकार खिल उठे उसके मन के आँगन में तीरथ की महिमा गाती है भक्तों तुम्हे पुकारती चार धाम की आरती चार धाम की आरती चार धाम की आरती चार धाम की आरती   संगीत............................१२३ बद्रीनाथ बसे आँखों में रामेश्वर उसके मन में बद्रीनाथ बसे आँखों में रामेश्वर उसके मन में जगन्नाथ द्वारकाधीश के दर्शन होते कण कण में जगन्नाथ द्वारकाधीश के दर्शन होते कण कण में ज्योत जगाती है आशा की मन को सदा सवांरती चार धाम की आरती चार धाम की आरती चार धाम की आरती चार धाम की आरती   संगीत............................१२३ हिमगिरी की ऊंचाई जैसी सागर की गहराई सी हिमगिरी की ऊंचाई जैसी सागर की गहराई सी प्रभु की महिमा सदा दिखाई देती रहती त्रिभुवन में प्रभु की महिमा सदा दिखाई देती रहती त्रिभुवन में मन में हो विश्वास अगर तो बेडा पार उतारती चार धाम की आरती चार धाम की आरती चार धाम की आरती चार धाम की आरती   संगीत....

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु   सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु   करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु     सदा हमारे सिर पर तेरा हाथ रहे हर सुख दुःख संकट में तेरा साथ रहे सदा हमारे सिर पर तेरा हाथ रहे हर सुख दुःख संकट में तेरा साथ रहे हाँ   हर सुख दुःख संकट में तेरा साथ रहे खुशियों के हो जीवन में आयाम प्रभु करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु   सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु     मिलकर इस धरती को चमन बनायें हम गाँधी गौतम राम कृष्ण बन जाएँ हम मिलकर इस धरती को चमन बनायें हम गाँधी गौतम राम कृष्ण बन जाएँ हम हाँ   गाँधी गौतम राम कृष्ण बन जाएँ हम यही हमारा हो हर दम पैगाम प्रभु करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु   सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु     मात पिता कि सेवा और सम्मान करें उनकी खुशियों पर सब कुछ कुर्बान करें मात पिता कि सेवा और सम्मान करें उनकी खुशियों पर सब कुछ कुर्बान करें हाँ उनकी खुशिय...