बुधवार, 17 अगस्त 2022

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,-२

तो हम कैसे, भव से, लगेंगे किनारे
 
पतितो को पावन, हैं करते कृपानिधि-२
पतितो को पावन, हैं करते कृपानिधि-२
किए पाप, है इस, सुयश के सहारे
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे
 
हमारे लिए क्यों, देर किए हो-4
हमारे लिए क्यों, देर किए हो-२
गणिका, अजामिल, को पल भर मे तारे
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे-२
 
ये माना अधम है, अपावन कुटिल है-4
ये माना अधम है, अपावन कुटिल है-२
सबकुछ है, लेकिन है, भगवन तुम्हारे,
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे-२
 
मन होगा निर्मल, तुम्हारी कृपा से-4
मन होगा निर्मल, तुम्हारी कृपा से-२
मन होगा निर्मल तुम्हारी कृपा से 
इसे शुद्ध, करने मे, राजेश हारे
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे
तो हम कैसे, भव से, लगेंगे किनारे
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे-4

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