त्रिलोकपति दाता सुखधाम स्वीकारो मेरे प्रणाम
सुखवरन प्रभु नारायण हे दुःखहरण प्रभु नारायण हे
त्रिलोकपति दाता सुखधाम स्वीकारो मेरे प्रणाम
त्रिलोकपति दाता सुखधाम स्वीकारो मेरे प्रणाम
स्वीकारो मेरे प्रणाम प्रभु स्वीकारो मेरे प्रणाम
मन वाणी में वो शक्ति कहाँ , जो, महिमा तुम्हरी गान करे हे
अगम अगोचर अविकारी, निर्लेप हो, हर शक्ति से परे
हम और तो कुछ भी जाने ना, केवल गाते हैं पावन नाम
स्वीकारो मेरे प्रणाम, स्वीकारो मेरे प्रणामम
प्रभु स्वीकारो मेरे प्रणाम
आदि मध्य और अंत तुम्ही , और तुम्ही आत्मअघारे हो
भगतों के तुम प्राण प्रभु इस जीवन के रखवारे हो
तुम में जीवे, जन्मे तुम में, और, अंत करे तुममें विश्राम
स्वीकारो मेरे प्रणाम , स्वीकारो मेरे प्रणाम
प्रभु स्वीकारो मेरे प्रणाम
चरण कमल का ध्यान धरु ,और, प्राण करे, सुमिरन तेरा
दीनाश्रय दीनानाथ प्रभु, भव- बंधन, काटो हरि मेरा
शरणागत के, श्याम हरि ,हे नाथ मुझे तुम लेना थाम
स्वीकारो मेरे प्रणाम , स्वीकारो मेरे प्रणाम
प्रभु स्वीकारो मेरे प्रणाम
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