रविवार, 28 अगस्त 2022

क्या लेके आया बन्दे क्या लेके जायेगा

आया है सो जायेगा, राजा रंक फ़क़ीर

एक सिंहासन चढ़ चले, भाई एक बंधे जंजीर

क्या लेके आया बन्दे, क्या लेके जायेगा-२

दो दिन कि जिन्दगी है, दो दिन का मेला

इस जगत सराये में, मुसाफिर रहना दो दिन का-२

क्यों विरथा करे गुमान, मुरख इस धन और जोबन का-२

खाली हाथ आया जग में (खाली हाथ जायेगा-२)

दो दिन कि जिन्दगी है, दो दिन का मेला

क्या लेके आया बन्दे, क्या लेके जायेगा-२

ये काय है तेरा भाग, भाग बिन पाया नहीं जाता-२

कहे ब्राह्मण बिन नसीब, तोड़ फल खाया नहीं जाता -२

भाव सागर से तीर जाये जो, हरी गुण गायेगा

दो दिन कि जिन्दगी है, दो दिन का मेला

क्या लेके आया बन्दे, क्या लेके जायेगा-२

 


बुधवार, 17 अगस्त 2022

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,-२

तो हम कैसे, भव से, लगेंगे किनारे
 
पतितो को पावन, हैं करते कृपानिधि-२
पतितो को पावन, हैं करते कृपानिधि-२
किए पाप, है इस, सुयश के सहारे
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे
 
हमारे लिए क्यों, देर किए हो-4
हमारे लिए क्यों, देर किए हो-२
गणिका, अजामिल, को पल भर मे तारे
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे-२
 
ये माना अधम है, अपावन कुटिल है-4
ये माना अधम है, अपावन कुटिल है-२
सबकुछ है, लेकिन है, भगवन तुम्हारे,
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे-२
 
मन होगा निर्मल, तुम्हारी कृपा से-4
मन होगा निर्मल, तुम्हारी कृपा से-२
मन होगा निर्मल तुम्हारी कृपा से 
इसे शुद्ध, करने मे, राजेश हारे
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे
तो हम कैसे, भव से, लगेंगे किनारे
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे-4

सब देव चले, महादेव चले महादेव चले

सब देव चले, महादेव चले, महादेव चले
ले ले फूलन के, हार रे, आओ राघव साँवरिया
ले ले फूलन के, हार रे, आओ राघव साँवरिया
सब...........................................................
ले..............................................................
 
शिव शंकर ने आगे बढ़कर, अपना डमरू बजाया-२
गन्धर्वों ने ताल मिला कर, प्रभु की स्तुति गाया-२
सब हरष रहे, सब हरष रहे, मेघ बरस रहे
अमृत की सरस फुहार रे, आओ राघव साँवरिया
सब...........................................................
ले..............................................................
 

नौमि तिथि मधुमास पुनीता, शुक्ल पक्ष  हरी प्रीता-२
मध्य दिवस अति शीत  धामा, सकल काल विश्राम-२
ब्रम्हा वेद पढ़ें सुर यान चढ़ें, सुर यान चढ़ें
फूलन की करें बौछार रे, आओ राघव साँवरिया
सब...........................................................
ले..............................................................


जो लगन गृह वार तिथि, अनुकूल वो सब आई-२
मनि आरे पर्वत सब महि, सोलह श्रृंगार कर छायी-२
कल्याण मूल मिले, दोउ कुल मिले, दोउ कुल मिले
सरयू बढ़ गयी अपार रे, आओ राघव साँवरिया

सब...........................................................
ले..............................................................

राम नाम सुखदाई भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का

राम नाम सुखदाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-4
ये तन है जंगल की लकड़ी-4,
आग लगे जल जाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-२
राम नाम सुखदाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-4
ये तन है कागज की पूडिया-4
हवा चले उड़ जाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-२
राम नाम सुखदाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-4

ये तन है माटी का ढेला-4
हवा चले उड़ जाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-२
राम नाम सुखदाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-4
ये तन है माटी का ढेला-4
बूँद पड़े गल जाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-२
राम नाम सुखदाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-4

ये तन है फूलो का बगीचा-4
राम नाम सुखदाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-4
ये तन है फूलो का बगीचा-4
धूप पड़े मुरझाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-२
राम नाम सुखदाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-4

ये तन है कच्ची है हवेलीये तन है कच्ची है हवेली
पल मे टूट जाईभजन करो भाई
राम नाम सुखदाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-4

ये तन है सपनो की माया-4
राम नाम सुखदाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-4
ये तन है कच्ची है हवेलीये तन है कच्ची है हवेली
पल मे टूट जाईभजन करो भाई
राम नाम सुखदाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-4
ये तन है सपनो की माया-4
आँख खुले कछु नाहीभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-२
राम नाम सुखदाईभजन करो भाईये जीवन दो दिन का-4

बड़े भाग्य से ये मनुज तन मिल है

बड़े भाग्य से ये, मनुज तन मिल है-२

गंवाते गंवाते, उम्र पार कर दी-२

खाने कमाने में, आयु गवाई -२

यूँ ही जिंदगी हमने, बेकार कर दी-२ 

अभी चेत जा वक़्त, जो भी बचा है-२

अरे काल मुख से न, कोई बचा है-२

जरा सोच ले साथ-२, ले जायेंगे क्या

यूँ ही जिंदगी हमने, है भार कर दी -२ 

है सांसर सागर में, जीवन की नैया-२

है पतवार सत्कर्म, सतगुरु खिवैया-२

ममता के चक्कर में-२, फँसकर हमने

जीवन की नैया, है मझदार कर दी

बड़े भाग्य से मनुज तन मिल है-२

गंवाते गंवाते उम्र पार कर दी-२ 

अगर चाहता है अपना, कल्याण प्राणी-२

तो ले मान सच्चे, सतगुरु की वाणी-२

लगे अपना जीवन-२, सतत्कर्म में अब

अभी तक तो यह उम्र, बेकार कर दी-२

बड़े भाग्य से मनुज तन मिल है-२

गंवाते गंवाते उम्र पार कर दी-२

खाने कमाने में आयु गवाई -२

यूँ ही जिंदगी हमने बेकार कर दी-२

 

मंगलवार, 16 अगस्त 2022

किस धुन में बैठा बावरे, सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है

किस धुन में बैठा बावरे , किस मद में मस्ताना है

सोने वाले जाग (भी) जा संसार मुसाफिर खाना है -२ ओ

क्या लेकर आया था जग में, (फिर क्या लेकर जायेगा -२)-२

मुट्ठी बांधे आया जग में-२, फिर हाथ पसारे जाना है

सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है -२ ओ

कोई आज गया कोई कल गया, (कोई चंद रोज में जायेगा -२)-२

जिस घर से निकल गया पंछी-२, उस घर में फिर नहीं आना है

सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है -२ ओ

सुत मातु पिता बांधव नारी, (धन धाम यहीं रह जायेगा-२)-२

सिकंदर ,अरस्तु, गंगा बांसुरी

सुत मातु पिता बांधव नारी, (धन धाम यहीं रह जायेगा-२)-२

यह चंद रोज की यारी है-२, फिर अपना कोन बेगाना है

ओ सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है -२

कहे भिक्षु यति हरी(प्रभु) नाम जपो, (फिर एसा समय ना आएगा-२)-२

पाकर कंचन सी काय को-२, फिर हाथ मीज पछताना है

ओ सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है -२

किस धुन में बैठा बावरे , किस मद में मस्ताना है

ओ सोने वाले जाग (भी) जा संसार मुसाफिर खाना है -4 

 

 

 

 

 

 

 

नन्हा सा फूल हूँ मैं चरणों की धूल हूँ मैं आया हूँ मैं तो तेरे द्वार प्रभुजी मेरी पूजा करो स्वीकार

  रेसा रेमा रेसा रेमा रेसा रे रे रे सानि सारे सानि सारे सानि सा सा सा रेसा रेमा रेसा रेमा रेसा रे रे रे सानि सारे सानि सारे सानि सा सा सा...