रविवार, 28 अगस्त 2022

क्या लेके आया बन्दे क्या लेके जायेगा

आया है सो जायेगा, राजा रंक फ़क़ीर

एक सिंहासन चढ़ चले, भाई एक बंधे जंजीर

क्या लेके आया बन्दे, क्या लेके जायेगा-२

दो दिन कि जिन्दगी है, दो दिन का मेला

इस जगत सराये में, मुसाफिर रहना दो दिन का-२

क्यों विरथा करे गुमान, मुरख इस धन और जोबन का-२

खाली हाथ आया जग में (खाली हाथ जायेगा-२)

दो दिन कि जिन्दगी है, दो दिन का मेला

क्या लेके आया बन्दे, क्या लेके जायेगा-२

ये काय है तेरा भाग, भाग बिन पाया नहीं जाता-२

कहे ब्राह्मण बिन नसीब, तोड़ फल खाया नहीं जाता -२

भाव सागर से तीर जाये जो, हरी गुण गायेगा

दो दिन कि जिन्दगी है, दो दिन का मेला

क्या लेके आया बन्दे, क्या लेके जायेगा-२

 


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