बुधवार, 17 अगस्त 2022

सब देव चले, महादेव चले महादेव चले

सब देव चले, महादेव चले, महादेव चले
ले ले फूलन के, हार रे, आओ राघव साँवरिया
ले ले फूलन के, हार रे, आओ राघव साँवरिया
सब...........................................................
ले..............................................................
 
शिव शंकर ने आगे बढ़कर, अपना डमरू बजाया-२
गन्धर्वों ने ताल मिला कर, प्रभु की स्तुति गाया-२
सब हरष रहे, सब हरष रहे, मेघ बरस रहे
अमृत की सरस फुहार रे, आओ राघव साँवरिया
सब...........................................................
ले..............................................................
 

नौमि तिथि मधुमास पुनीता, शुक्ल पक्ष  हरी प्रीता-२
मध्य दिवस अति शीत  धामा, सकल काल विश्राम-२
ब्रम्हा वेद पढ़ें सुर यान चढ़ें, सुर यान चढ़ें
फूलन की करें बौछार रे, आओ राघव साँवरिया
सब...........................................................
ले..............................................................


जो लगन गृह वार तिथि, अनुकूल वो सब आई-२
मनि आरे पर्वत सब महि, सोलह श्रृंगार कर छायी-२
कल्याण मूल मिले, दोउ कुल मिले, दोउ कुल मिले
सरयू बढ़ गयी अपार रे, आओ राघव साँवरिया

सब...........................................................
ले..............................................................

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नन्हा सा फूल हूँ मैं चरणों की धूल हूँ मैं आया हूँ मैं तो तेरे द्वार प्रभुजी मेरी पूजा करो स्वीकार

  रेसा रेमा रेसा रेमा रेसा रे रे रे सानि सारे सानि सारे सानि सा सा सा रेसा रेमा रेसा रेमा रेसा रे रे रे सानि सारे सानि सारे सानि सा सा सा...