सब देव चले, महादेव चले, महादेव चले
ले ले फूलन के, हार रे, आओ राघव साँवरिया
ले ले फूलन के, हार रे, आओ राघव साँवरिया
सब...........................................................
ले..............................................................
ले ले फूलन के, हार रे, आओ राघव साँवरिया
सब...........................................................
ले..............................................................
शिव शंकर ने आगे बढ़कर, अपना डमरू बजाया-२
गन्धर्वों ने ताल मिला कर, प्रभु की स्तुति गाया-२
सब हरष रहे, सब हरष रहे, मेघ बरस रहे
अमृत की सरस फुहार रे, आओ राघव साँवरिया
सब...........................................................
ले..............................................................
गन्धर्वों ने ताल मिला कर, प्रभु की स्तुति गाया-२
सब हरष रहे, सब हरष रहे, मेघ बरस रहे
अमृत की सरस फुहार रे, आओ राघव साँवरिया
सब...........................................................
ले..............................................................
नौमि तिथि मधुमास पुनीता, शुक्ल पक्ष हरी प्रीता-२
मध्य दिवस अति शीत न धामा, सकल काल विश्राम-२
ब्रम्हा वेद पढ़ें सुर यान चढ़ें, सुर यान चढ़ें
मध्य दिवस अति शीत न धामा, सकल काल विश्राम-२
ब्रम्हा वेद पढ़ें सुर यान चढ़ें, सुर यान चढ़ें
फूलन की करें बौछार रे, आओ राघव साँवरिया
सब...........................................................
ले..............................................................
सब...........................................................
ले..............................................................
जो लगन गृह वार तिथि, अनुकूल वो सब आई-२
मनि आरे पर्वत सब महि, सोलह श्रृंगार कर छायी-२
कल्याण मूल मिले, दोउ कुल मिले, दोउ कुल मिले
सरयू बढ़ गयी अपार रे, आओ राघव साँवरिया
सब...........................................................
ले..............................................................
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